बीजेपी की राज्य ईकाइयों में क्यों बढ़ रहा है असंतोष!
1 min readदेश के कम से कम आधा दर्जन राज्यों में दल-बदलुओं को गाँठ कर सत्ता की मलाई चाट रही बीजेपी कभी भीतर ही भीतर तो कभी सरेआम विधायकों या नेताओं के असंतोष की शिकार हो रही है। ताज़ा मामला कर्नाटक का है। इसे मिलाकर त्रिपुरा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, मणिपुर, नगालैंड, असम, गोआ, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड सहित कम से कम 10 राज्यों में बीजेपी में असंतोष की चिंगारी सुलग रही है। इन राज्यों में आगे-पीछे गुटबाजी, उपेक्षा, सत्ता की रेवड़ियों की चाहत अथवा दल-बदलुओं के अधूरे मंसूबों की कसमसाहट बीजेपी की संगठनात्मक शैली पर सवालिया निशान लगा रही है।
क्या कहा था वाजपेयी ने?
अपने सबसे लोकप्रिय नेता अटल बिहारी वाजपेयी के 1996 में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा देते समय दिए गए राजनीति में शुचिता की मिसाल बने बयान को बीजेपी अब शायद भूल चुकी। उन्होंने कहा था, “पार्टी तोड़कर, सत्ता के लिए गठबंधन करके अगर सत्ता हाथ में आती है तो मैं ऐसी सत्ता को चिमटे से भी छूना पसंद नहीं करूंगा।”
वही बीजेपी मोदी-शाह युग में विपक्षी दलों में तोड़फोड़ और दल-बदल करवा कर सरकार बनाने के मामले में कांग्रेस का 55 साल का रिकार्ड तोड़ती नज़र आ रही है।
दलबदलुओं के भरोसे बीजेपी
कर्नाटक हो अथवा मध्य प्रदेश, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड या गोआ, बीजेपी सत्ता हासिल करने अथवा उसे बरकरार रखने के लिए विपक्षी विधायकों को तोड़ कर उनकी सरकारों को अपलक नेस्तनाबूद कर रही है।