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क्या अखिलेश के गढ़ आजमगढ़ में खिलेगा कमल, क्या टूटेगा दुर्गा का किला?

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आजमगढ़ एक ऐसा रण, जिसे भाजपा 2014, 2017 और 2019 की प्रचंड मोदी लहर के बावजूद नहीं जीत सकी। अब बारी 2022 की है। यूपी में विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी हलचल हद से ज्यादा तेज हो चुकी हैं। मोदी-योगी की जोड़ी भी आजमगढ़ की अहमियत समझती है, जिसकी गवाही पूर्वांचल के बार-बार दौरे ताल ठोंककर दे रहे हैं। उधर, अखिलेश समाजवादी इत्र की खुशबू से मतदाताओं को अपने पक्ष में लाने की मैराथन जंग लड़ रहे हैं। अब सवाल यह उठता है कि क्या इस तमाम रस्साकशी से भाजपा 2022 में अखिलेश यादव के गढ़ आजमगढ़ में कमल खिला पाएगी? क्या 2002 से लगातार विधायक बन रहे दुर्गा प्रसाद यादव का किला ढह जाएगा? इस सियासी घमासान में क्या है आजमगढ़ के लोगों की राय, जानते हैं इस रिपोर्ट में.

UP Election 2022

विकास के दम पर भाजपा को उम्मीद

आजमगढ़ के फूलपुर गांव में अपने रिश्तेदार का घर बनवा रहे रामेश्वर कहते हैं कि आजमगढ़ भले ही सपा का गढ़ रहा है, लेकिन इस बार यहां बदलाव की बयार चल रही है। विकास से कोसों दूर रहे आजमगढ़ में अब डिवेलपमेंट नजर आता है। आप जिस एक्सप्रेसवे को पकड़कर लखनऊ से आजमगढ़ महज तीन घंटे में आए हैं, पहले ऐसा नहीं था। कुछ साल पहले तो लखनऊ से आजमगढ़ आने में सात-आठ घंटे लग जाते थे।

काम के दम पर काबिज है सपा

रामेश्वर ने भले ही योगी सरकार की जमकर तारीफ की, लेकिन इलाके में रहने वाले मोहम्मद यूसुफ उनकी इस राय से ताल्लुक नहीं रखते हैं। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने यहां काफी काम कराया। अगर काम नहीं हुआ होता तो आजमगढ़ अखिलेश यादव, मुलायम सिंह यादव और दुर्गा प्रसाद यादव का गढ़ कभी नहीं बन पाता। यहां तक कि प्रचंड मोदी लहर भी समाजवादी पार्टी को यहां से हिला नहीं सकी।

भाजपा-सपा में कांटे की टक्कर

अपना मकान बनवाने के लिए दिल्ली से आजमगढ़ पहुंचीं विमला देवी ने बताया कि आजमगढ़ में तो योगी और अखिलेश दोनों की ही हवा लग रही है। यह विधानसभा क्षेत्र समाजवादी पार्टी का गढ़ है। योगी भले ही विकास के तमाम दावे कर रहे हैं, लेकिन अखिलेश को भी कमतर नहीं आंका जा सकता। यूं मान लीजिए कि यहां पर भाजपा और सपा में कांटे की टक्कर रहेगी।

सपा के काम को भुना रही भाजपा

आजमगढ़ में रहने वाले बुजुर्ग यूसुफ कहते हैं कि योगी सरकार झूठे दावे कर रही है। एक्सप्रेसवे तो समाजवादी पार्टी की सरकार में ही पास हुआ था। अब उनकी सरकार नहीं है तो काम कैसे करा सकते हैं? ऐसे में पूरा क्रेडिट योगी ले रहे हैं।
आजमगढ़ में सपा को चुनौती देना मुश्किल
आजमगढ़ के बस अड्डे पर कपड़ों की दुकान चलाने वाले अनिरुद्ध कहते हैं कि कुछ भी हो जाए, लेकिन यह इलाका सपा का गढ़ है। आने वाले दिनों में भी समाजवादी पार्टी को इस इलाके में चुनौती देना बहुत मुश्किल होगा। इस इलाके में दुर्गा प्रसाद यादव 1985 से 2017 तक आठ बार विधायक बन चुके हैं। अगर वह काम नहीं करते तो जनता बार-बार उन्हें क्यों चुनती?

भाजपा ने सपा पर यूं साधा निशाना

आजमगढ़ में भाजपा के बूथ अध्यक्ष अनिल राय कहते हैं कि अब वक्त बदल चुका हैं। 2017 के बाद आजमगढ़ में जिस तरह विकास हुआ, वह नजीर है। यहां पर माफिया राज और गुंडाराज पूरी तरह खत्म हो चुका है। यही वजह है कि इस बार के विधानसभा चुनावों में यहां भी बदलाव नजर आएगा।

 

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